Page 277 - Mechanic 2 & 3 Wheeler - TT - Hindi
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के बीच का अंतर बहुत छोटा 0.4 - 1.0 लमेमेी है। इंजन का समेय लट्रगर के 2 टट्र गर (Trigger): यह एक दांतेदार रोटर (1) है जो रिैं क शाफ्ट (2)
संबंध मेें पल्सर कॉइि के थिान से लनधा्कररत होता है। पर िगा होता है, कु छ इंजनों मेें लट्रगर को फ्ाई-व्ीि की पररलध पर
यह लसस्टमे कॉन्ै्टि ब्ेकर को खत्म कर देता है और इसके अलतररक्त यह रखा जाता है।
से िैस होता है 1C.I.D इकाई 2लट्रगर 3 पल्सर कॉइि 3 पल्सर कॉइल (Pulser coil): पल्सर कॉइि को नॉन-रोटेलटंग पाट्क
पर रखा जाता है और फ्ाई-व्ीि के बहुत करीब होता है। यह इंजन
Fig 2
का लदि है। यह इलग्नशन कं ट्रोि बॉक्स (CDI बॉक्स) को टाइलमेंग लसग्नि
देता है। जैसे ही फ्ाई व्ीि पर ररज पल्सर कॉइि को घुमेाता है, टाइलमेंग
लसग्नि उत्पन्न होता है। इलग्नशन बॉक्स तब लसग्नि का उपयोग करता है।
इसे लपक-अप कॉइि भी कहा जाता है।
इलेक््र ॉटिक इटनिशि टसस्टम के लयाि (Advantages of
electronic ignition system)
1 यह सबसे बड़ा आउटपुट वोल्टेज प्रदान करता है और इंजन के प्रदश्कन
और कमे रखरखाव की आवश्यकता पर अच्ा है।
2 इलग्नशन लमेसफायर के सामेान् कारण का उन्कूिन।
3 कॉइि संतृस्प्त के लिए कोई टकू ट-फकू ट & उपिब्ध समेय नहीं बढ़ा।
4 कोई भी लबंदु जिता या गित समेायोलजत नहीं होता
1 कै पेटसटर टडप्चयाज्ण इटनिशि यूटिट (Capacitor Discharge 5 यह सीिबंद इकाई एक पानी और नमेी प्रकूफ इलग्नशन लसस्टमे प्रदान
Ignition Unit): यह अलधक आउटपुट वोल्टेज प्रदान करने वािी करती है।
इकाई है। यह अलधक लवर्शसनीय है और प्रदश्कन मेें खराब नहीं होता है। 6 इलग्नशन टाइलमेंग एक बार सेट करने के बाद नहीं बदिता है।
यह इंस्टेंट स्टालटिंग, स्कूथ इंजन और तेज लपक-अप मेें मेदद करता है। 7 मेाइिेज मेें वृस्द् और प्रदकू िण का स्र कमे।
यह एक संधारररि मेें स्पाक्क के लिए चाज्क की गई ऊजा्क को मेॉड्कूि मेें संग्रहीत 8 इंस्टेंट इंजन स्टालटिंग और तेज लपकअप।
करता है जो स्पाक्क प्ग को जारी लकया जाता है। यह अलधक समेय िचीिेपन 9 फायररंग के बीच बढ़ता समेय, जो कॉइि को और अलधक ठं डा करने
की भी अनुमेलत देता है। की अनुमेलत देता है।
स्टयाट्णर मोटर (Starter motor)
उद्ेश्य : इस पाठ के अन्त मेें आप यह जान सकें गे :
• स्टयाट्णर मोटर के फबं क्शि के बयारे में बतयाएँ
• स्टयाट्णर मोटर कयाय्ण टसद्याबंत के बयारे में बतयाएँ
• स्टेटर मोटर के प्रकयार के बयारे में बतयाएँ
• फ्ूज कया कयाय्ण बतयाएँ ।
स्टयाट्णर मोटर (Starter motor): इंजन रिैं कशाफ्ट को कमे से कमे टसद्याबंत (Principle): जब दो स्थिर चुम्कों के बीच रखी आमेगेचर कॉइि
100 r.p.m की गलत से घुमेाया जाना चालहए। इंजन शुरू करने के लिए। से करंट प्रवालहत होता है तो एक ईएमेएफ प्रेररत होता है और आमेगेचर
इस लरिया को इंजन रिैं कलकं ग कहा जाता है। चकूंलक इंजन को हाथ से या िीवर कॉइि घकूमेने िगता है।
से उस गलत से घुमेाना कलठन होता है, इंजन को रिैं क करने के लिए स्टाट्कर टिमया्णर् (Construction)(Fig 1 & 2): तीन प्रकार के D.C स्टाट्कर
मेोटर का उपयोग लकया जाता है। मेोटस्क का उपयोग लकया जाता है;
स्टयाट्णर मोटर कया स्थयाि (Location of the starter motor): स्टाट्कर 1 सीरीज 2 शंट 3 कं पाउंड
मेोटर इंजन के लपछिे लहस्े मेें िगा होता है, जब स्टाट्कर को चािकू लकया
जाता है तो स्टाट्कर मेोटर का लपलनयन फ्ाईव्ीि ररंग लगयर से जुड़ जाता ऑटोमेोबाइि मेें रिृंखिा घाव प्रकार का आमेतौर पर उपयोग लकया जाता
है और चक्ा घुमेाता है। है। इसमेें फील्ड और आमेगेचर कॉइल्स को सीरीज मेें जोड़ा जाता है। यह
ऑटोमोटटव - मैके टिक टू और थ्री व्रीलर (NSQF सबंशोटित 2022) - अभ्यास 1.9.83- 97 से सम्बंटित टसद्याबंत
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