Page 331 - Fitter 1st Year - TT - Hindi
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कै िपटल गुड्स & मै ुफ़ै   रंग (CG & M)                              अ ास 1.7.97 से स ंिधत िस ांत
            िफटर (Fitter) - टिन ग


             औजार कोणों की आव कता (Necessity of tool angles)

            उ े  : इस पाठ के  अ  म  आप यह जान सक  ग  :
            •  टू ल के  िविभ  कोणों को नाम द
            •    ेक कोण का उपयोग उपयोग
            •  गलत कोण का  भाव बताएं ।

            अ ोच कोण (Approach angle (Fig 1))

















                                                                  ऊपर या पीछे  रेक कोण (Top or back rake angle (Fig 4))
            इसे साइड किटंग-एज एं गल के   प म  भी जाना जाता है। यह किटंग   टू ल
            के  िकनारे पर  ाउंड है। काटते समय किटंग ितरछी होगी। एं गल  ाउंड
            25° से 40° तक हो सकता है लेिकन एक मानक के   प म  30° का कोण
            सामा   प से होता है बशत । ओथ गोनल किटंग की तुलना म  ओ  क
            किटंग के  फायदे ह , िजसम  किटंग एज सीधी होती है। परो  काटने के  मामले
            म  कटौती की अिधक गहराई दी जाती है,  ों िक जब उपकरण को वक
            पर  खलाया जाता है, तो संपक   उपकरण की सतह धीरे-धीरे उपकरण के
             प म  बढ़ जाती है अि म, जबिक ओथ गोनल किटंग के  मामले म , दी गई   एक उपकरण पर रेक एं गल  ाउंड िचप िनमा ण की  ािमित को िनयंि त
            गहराई के  िलए किटंग एज की लंबाई पूरी तरह से शु आत से ही काम से   करता है। इस  कार, यह उपकरण की काटने की ि या को िनयंि त करता
            संपक   करता है जो टू ल फे स पर अचानक अिधकतम भार देता है। िजस  े    है। टू ल का टॉप या बैक रेक एं गल टू ल के  टॉप पर  ाउंड होता है, और यह
            म  गम  िवत रत की जाती है वह ितरछी किटंग   म  अिधक होती है। (Fig 2)  किटंग एज के  सामने और चेहरे के  टॉप के  बीच बना एक  ोप होता है।
                                                                  यिद ढलान सामने से उपकरण के  पीछे  की ओर है, तो इसे एक सकारा क
                                                                  शीष  रेक कोण के   प म  जाना जाता है, और यिद ढलान उपकरण के  पीछे
                                                                  से काटने वाले िकनारे के  सामने की ओर है, तो इसे ऋणा क के   प म
                                                                  जाना जाता है पीछे  रेक कोण। (Fig 5)










            ट ेल कोण  (Trail angle (Fig 3))

            इसे एं ड-किटंग एज एं गल के   प म  भी जाना जाता है, और यह टू ल की
              ंडल  के  लंबवत रेखा से 30° पर  ाउंड होता है, जैसा िक सिच  है।  मशीन की जाने वाली साम ी के  अनुसार शीष  रेक कोण  ाउंड पॉिजिटव,
                                                                  नेगेिटव या जीरो हो सकता है। नरम, नमनीय साम ी, जो घुंघराले िच
            ए ोच एं गल और ट ेल एं गल  ाउंड टू ल के  िलए 90° का वेज एं गल बनाएं गे।
                                                                  बनाते ह , को मोड़ते समय, सकारा क शीष  रेक कोण जमीन कठोर भंगुर
                                                                  धातुओं को मोड़ने की तुलना म  अिधक होगी।


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