Page 32 - Fitter 1st Year - TT - Hindi
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पीिड़त  के   प रसंचरण  की  जाँच  कर   (Check the victim's   बेहोशी (कोमा) (Unconsciousness (COMA)) : बेहोशी िजसे
       circulation) : पीिड़त के  रंग को देख  और उनकी नाड़ी की जाँच कर    कोमा भी कहा जाता है, एक गंभीर जीवन-धमकी वाली   थित है, जब कोई
       (कै रोटीड धमनी एक अ ा िवक  है; यह गद न के  दोनों ओर, जबड़े की       पूरी तरह से बेहोश हो जाता है और कॉल, बाहरी उ ेजना का जवाब
       ह ी के  नीचे   थत होती है)। यिद पीिड़त को न  नहीं है, तो सीपीआर शु    नहीं देता है। लेिकन मूल  दय,  ास, र  प रसंचरण अभी भी बरकरार हो
       कर ।- यिद आप  िशि त ह ।                              सकता है, या वे िवफल भी हो सकते ह । अगर इस पर  ान नहीं िदया गया
                                                            तो यह मौत का कारण बन सकता है।
       आव कतानुसार र  ाव, आघात और अ  सम ाओं का उपचार
       कर   (Treat bleeding, shock and other problems as    म    की सामा  गितिविध म   कावट के  कारण   थित उ   होती है।
       needed)                                              कारण ब त अिधक ह ।

       यह  थािपत करने के  बाद िक पीिड़त सांस ले रहा है और उसकी नाड़ी है,   -  शॉक (कािड योजेिनक,  ूरोजेिनक)
       अगली  ाथिमकता िकसी भी र  ाव को िनयंि त करने की होनी चािहए।   -  िसर म  चोट (क ं  ूशन, क ेशन)
       िवशेष  प से आघात के  मामले म , सदमे को रोकना  ाथिमकता है।
                                                            -   ासावरोध (वायु माग  म   कावट)
       -  खून बहना बंद कर  (Stop bleeding) : ट ॉमा पीिड़त को बचाने के    -  शरीर का अ िधक तापमान (गम , ठं ड)
         िलए र  ाव पर िनयं ण सबसे मह पूण  चीजों म  से एक है। र  ाव
         के   बंधन के  िकसी अ  तरीके  को आजमाने से पहले घाव पर सीधे   -  कािड एक अरे  (िदल का दौरा)
         दबाव का  योग कर ।                                  -    ोक (सेरे ो-वै ु लर दुघ टना)

       -  सदमे का इलाज कर  (Treat shock) : शॉक, शरीर से र  के    -  खून की कमी (र  ाव)
          वाह म  कमी, अ र शारी रक और कभी-कभी मनोवै ािनक आघात   -  िनज लीकरण (द  और उ ी)
         के  बाद होता है। सदमे म      की  चा अ र बफ   के  जैसे ठं डी हो   -  मधुमेह (िन  या उ  शक  रा)
         जाती है,     उ ेिजत हो जाता है या उसकी मानिसक   थित बदल
                                                            -  र चाप (ब त कम या ब त अिधक)
         जाती है, और चेहरे और होंठों के  आसपास की  चा का रंग पीला हो
         जाता है। अनुपचा रत, झटका घातक हो सकता है। िजस िकसी को भी   -  शराब, नशीली दवाओं की अिधक खुराक
         गंभीर चोट या जीवन-धमकी की   थित का सामना करना पड़ा है, उसे   -  जहर (गैस, कीटनाशक, काटने)
         सदमे का खतरा है।                                   -  िमग  के  दौरे (िफट बैठता है)

       -  घुटन का िशकार (Choking victim) : घुटन िमनटों म  मौत या   -  िह ी रया (भावना क, मनोवै ािनक)
          थायी म     ित का कारण बन सकती है।
                                                            िकसी     के  बेहोश होने के  बाद िन िल खत ल ण हो सकते ह :
       -  जले का इलाज कर  (Treat a burn) : पहले और दू सरे िड ी के  जले   -   म
         को ठं डे पानी म  डुबोकर या  श करके  इलाज कर ।  ीम, म न या
                                                            -  तं ा
         अ  मलहम का  योग न कर  और फफोले न फू ट । थड  िड ी बन  को
         एक नम कपड़े से ढंकना चािहए। जले  ए भाग से कपड़े और आभूषण   -  िसरदद
         हटा द , लेिकन जले  ए कपड़ों को हटाने की कोिशश न कर  जो जले   -  अपने शरीर के  कु छ िह ों को बोलने या िहलाने म  असमथ ता (  ोक
          ए ह ।                                                के  ल ण देख )
       -  म   ाघात का उपचार कर  (Treat a concussion) : यिद   -  ह ा िसरदद
         पीिड़त के  िसर पर चोट लगी है, तो कं सीव करने के  ल ण देख । सामा    -  आं  या मू ाशय पर िनयं ण का नुकसान (असंयम)
         ल ण ह : चोट, भटकाव या  ृित हािन, च र, मतली और सु ी के
                                                            -  तेजी से िदल की धड़कन (धड़कन)
         बाद चेतना का नुकसान।
                                                            -   ूप
       -  रीढ़ की ह ी म  चोट के  िशकार का इलाज कर  (Treat a spinal
         injury victim) : यिद रीढ़ की ह ी म  चोट का संदेह है, तो यह    ाथिमक िचिक ा (First aid)
         िवशेष  प से मह पूण  है, पीिड़त के  िसर, गद न या पीठ को तब तक   -  आपातकालीन नंबर पर कॉल कर ।
         न िहलाएं  जब तक िक वे त ाल खतरे म  न हों।
                                                            -      के  वायुमाग ,  ास और नाड़ी की बार-बार जांच कर । यिद आव क
       सहायता आने तक पीिड़त के  साथ रह  (Stay with the victim   हो, बचाव  ास और सीपीआर शु  कर ।
       until help arrives) : सहायता आने तक पीिड़त के  िलए एक शांत   -  अगर     सांस ले रहा है और पीठ के  बल लेटा  आ है और रीढ़ की
       उप  थित बनने का  यास कर ।
                                                               ह ी की चोट से बाहर िनकलने के  बाद,     को सावधानी से बाईं

       10                  CG & M - िफटर (NSQF संशोिधत 2022) - अ ास 1.1.03 से स ंिधत िस ांत
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